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सर्किट

Circuit सर्किट

शेयर बाजार में सर्किट प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य की सीमारेखा (Demarcation Line) है। स्टॉक मूल्य इस सीमारेखा को पर नहीं कर सकता। दूसरे शब्दों में सर्किट शायरों के अधिकतम व न्यूनतम बाजार मूल्य का दायरा है जिसको बाजार मूल्य पार नहीं करता। उदहारण के लिए शेयर X की पिछले क्लोजिंग प्राइस १०० था। माना कि शेयर X की सर्किट लिमिट १०% है, तो ऐसे में अगले दिन शेयर X का बाजार मूल्य ९० रूपये (१०० से १०% कम) से कम या ११० रूपये (१०० से १०% ज्यादा) से ज्यादा नही हो सकता है। अर्थात शेयर X का क्रय य बिक्रय मूल्य ९० रूपये से क़म या ११० रुपये से का नहीं आँका जा सकता है।  
सर्किट ५%, १०% या २०% का होता है।
सर्किट दो प्रकार के होते हैं -
१. अप्पर सर्किट जिसे वायर सर्किट कहते है। 
२. लोअर सर्किट जिसे सेलर सर्किट कहते है।
सर्किट का उद्देश्य बाजार मूल्य को नियमबद्ध करना और ब्यापारी, शेयर दलाल या ऑपरेटर के गलत अभ्याश को रोकना होता है।

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